Shrimad Bhagwat Geeta Shlok With Meaning In Hindi: भगवद गीता श्लोक और उनका हिंदी में अर्थ

byRuchika Pandey

Shrimad Bhagwat Geeta Shlok With Meaning In Hindi

Bhagwat Geeta Shlok With Meaning In Hindi: जब कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध होने वाला था और अर्जुन युद्ध करने के लिए तैयार नहीं थे, तब भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें बहुत समझाया। इस उपदेश को हम आज भगवद गीता श्लोक के नाम से जानते हैं। भगवान कृष्ण ने गीता के 18 अध्यायों में 700 श्लोकों के माध्यम से अर्जुन को मार्गदर्शन दिया। महात्मा गांधी, अल्बर्ट आइंस्टीन, और स्वामी विवेकानंद जैसी महान हस्तियों ने गीता श्लोक का बहुत सम्मान किया है।

भगव गीता श्लोक आज से 5700 वर्ष पहले कहा गया था, लेकिन आज भी इसका महत्व उतना ही है जितना महाभारत युद्ध के समय था। महाभारत युद्ध से पहले भगवान विष्णु ने गीता श्लोक भगवान सूर्य को सुनाया था, लेकिन तब वह अधिक लोगों तक नहीं पहुंच पाया था। महाभारत के युद्ध के समय जब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया, तब यह श्लोक पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुआ।

भगवद गीता श्लोक में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को अनेक महत्वपूर्ण बातें समझाई हैं। इन्हें पढ़ने या सुनने के बाद जीने और मरने का डर खत्म हो जाता है। गीता सिखाती है कि हमें बिना किसी फल की चिंता किए कर्म करना चाहिए क्योंकि कर्म हमारे वश में है, लेकिन परिणाम हमारे वश में नहीं है। इसलिए जो हमारे वश में है, उसे हमें करना चाहिए और जो हमारे वश में नहीं है, उसे भगवान के हाथों में सौंप देना चाहिए। गीता में ऐसे कई महत्वपूर्ण संदेश हैं।

भगवद गीता श्लोक को केवल हिंदू नहीं, बल्कि सभी समुदाय के लोगों को पढ़ना चाहिए। यह भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है। भारत, जो विश्व का पहला सनातन धर्म वाला देश है, उसे विश्व गुरु भी कहा जाता था। भारत में ऐसे चमत्कार होते हैं जो अन्य देशों में नामुमकिन हैं। महाभारत युद्ध के समय भगवान श्री कृष्ण, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं, ने स्वयं अर्जुन को गीता का उपदेश दिया। इस उपदेश को संजय ने देखा और सुना, और फिर महाराज धृतराष्ट्र को बताया।

गीता श्लोक का महत्व आज भी उतना ही है और यह जीवन को सही दिशा देने में सहायक है। गीता हमें सिखाती है कि कैसे सही ढंग से जीवन जीना चाहिए और हमारे कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। Bhagwat Geeta Shlok With Meaning In Hindi की जानकारी प्राप्त करके आप भी अपने जीवन को सशक्त बना सकते हैं।

Geeta shlok : Shrimad bhagwat geeta shlok with meaning in Hindi, English and Sanskrit | गीता के श्लोक हिंदी में

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कर्मण्येवाधिकारस्ते

Shrimad Bhagwat Geeta Shlok With Meaning In Hindi

योगः कर्मसु कौशलम्

33

अध्याय 2, श्लोक 47

31 1

अध्याय 2, श्लोक 50

34

अध्याय 3, श्लोक 16

भगवत गीता के लोकप्रिय श्लोक भावार्थ के साथ Popular Bhagwat Geeta Shlok With Meaning In Hindi

28 1

अध्याय 4, श्लोक 13

30 1

अध्याय 5, श्लोक 18

29 2

अध्याय 6, श्लोक 5

32

अध्याय 6, श्लोक 6

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अध्याय 6, श्लोक 30

अध्याय 9, श्लोक 22

Bhagwat Geeta Shlok With Meaning In Hindi (Bhagavad Gita Quotes) | भगवत गीता श्लोक हिंदी

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अध्याय 11, श्लोक 32

अध्याय 12, श्लोक 13-14

अध्याय 13, श्लोक 22

अध्याय 14, श्लोक 5

अध्याय 18, श्लोक 66

Motivational Bhagwat Geeta Shlok With Meaning In Hindi (Bhagavad Gita Quotes)

अध्याय 2, श्लोक 3

अध्याय 2, श्लोक 37

अध्याय 4, श्लोक 34

अध्याय 18, श्लोक 14

अध्याय 18, श्लोक 46

Bhagavad Geeta Shlok in Hindi:

अध्याय 3, श्लोक 21

अध्याय 6, श्लोक 40

अध्याय 9, श्लोक 27

अध्याय 10, श्लोक 10

अध्याय 18, श्लोक 9

भगवत गीता के 24 सबसे लोकप्रिय श्लोक हिंदी में अर्थ के साथ

निष्कर्ष

Bhagwat Geeta Shlok With Meaning In Hindi केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं हैं, बल्कि ये जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहन ज्ञान प्रदान करते हैं। ये श्लोक हमें आत्मज्ञान, कर्म का महत्व, आत्मविश्वास, समता, और संतुलन की भावना विकसित करने में मदद करते हैं। आधुनिक जीवन में भी गीता के श्लोकों का महत्व उतना ही है जितना महाभारत के समय था। हमें भगवद गीता के श्लोकों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए और इनसे प्राप्त ज्ञान का लाभ उठाना चाहिए।

FAQs

Bhagwat Geeta Shlok का महत्व क्या है?

Bhagwat Geeta Shlok जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहन ज्ञान प्रदान करते हैं और हमें सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

भगवद गीता के श्लोकों का आध्यात्मिक महत्व क्या है?

गीता के श्लोक आत्मज्ञान, आत्मा की शांति, और परमात्मा के साथ एकत्व की भावना विकसित करते हैं।

भगवद गीता के श्लोकों का आधुनिक जीवन में उपयोग कैसे किया जा सकता है?

आधुनिक जीवन में गीता के श्लोक तनाव मुक्त जीवन जीने, आत्मविश्वास बढ़ाने, और सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं।

भगवद गीता को किसने लिखा?

भगवद गीता महाभारत के युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था। इसे महर्षि वेदव्यास ने लिखा था।

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